भारतीय अनुवाद परिषद
पाठ्यक्रम
भारतीय अनुवाद परिषद
स्नातकोत्तर अनुवाद डिप्लोमा
भारत सरकार से मान्यता प्राप्त एकवर्षीय वाक्सेतु स्नातकोत्तर अनुवाद (अंग्रेज़ी-हिंदी-अंग्रेज़ी) डिप्लोमा पाठ्यक्रम
भारतीय एवं विदेशी भाषाओं के मर्मज्ञ विद्वानों, प्राध्यापकों, शोधार्थियों तथा अनुवाद-सेवियों के सहयोग से भारतीय अनुवाद परिषद ‘‘अनुवाद’’ त्रैमासिक पत्रिका का नियमित प्रकाशन, अनुवाद विषयक मासिक एवं वार्षिक (राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय) संगोष्ठियों तथा कार्यशालाओं का निरंतर आयोजन, अनुवाद विषयक विभिन्न प्रकाशन तथा अनुवादकों को सम्मानित एवं पुरस्कृत करने जैसे अनेक महत्वपूर्ण कार्यों के साथ-साथ सन् 1989 से एकवर्षीय ‘वाक्सेतु स्नातकोत्तर अनुवाद (अंग्रेज़ी-हिंदी-अंग्रेज़ी) डिप्लोमा पाठ्यक्रम’ और एकवर्षीय ‘अनुवाद (अंग्रेज़ी-हिंदी-अंग्रेज़ी) उच्च डिप्लोमा (Advance Diploma) पाठ्यक्रम भी सफलतापूर्वक चला रही है।
गर्व का विषय है कि रोज़गारोन्मुख तथा व्यवहारमूलक इस पाठ्यक्रम की उपादेयता एवं स्वतः सिद्ध प्रासंगिकता के कारण ही भारत सरकार ने इसे सरकारी नौकरियों के लिए मान्यता प्रदान की है। उल्लेखनीय है कि परिषद से प्रशिक्षण प्राप्त अनेक अनुवादक देश के कोने-कोने में सरकारी तथा गैर-सरकारी संस्थानों में कार्यरत हैं।
इस पाठ्यक्रम की निरंतर बढ़ती लोकप्रियता का परिणाम है कि परिषद द्वारा चलाए जा रहे इस पाठ्यक्रम की शाखाएँ अब देश के अन्य अनेक स्थानों – तिरूअनंतपुरम (केरल), गुवाहाटी (असम), शिलांग (मेघालय), कोच्चि (केरल) तथा यमुना नगर, गुरुग्राम (हरियाणा) आदि में भी चलाई जा चुकी हैं। अभी भी यह पाठ्यक्रम जालंधर, गुवाहाटी (असम) केद्रों पर चलाया जा रहा है।
पाठ्यक्रम के उद्देश्य
- अनुवाद के विभिन्न क्षेत्रों में व्यवसाय के लिए प्रशिक्षण प्रदान करना।
- सूचना के इस युग में अनुवाद की उपयोगिता को उजागर करने के लिए और संचार प्रौद्योगिकी।
- अनुवाद प्रक्रिया के अनुप्रयोग को सिखाने के लिए।
- वैश्वीकरण युग में अनुवाद की रचनात्मक भूमिका की व्याख्या करना।
- आधिकारिक अनुवाद का व्यावहारिक प्रशिक्षण प्रदान करना।
- विशिष्ट क्षेत्रों जैसे बैंक, बीमा, में अनुवाद का प्रशिक्षण प्रदान करना।
- संसद, कानून, विज्ञापन और कंप्यूटर आदि।
- उद्देश्यपूर्ण हिंदी शब्दावली और तकनीकी के क्षेत्र में दक्षता उत्पन्न करना शब्दावली।
- लिंगुआ प्रौद्योगिकी के महत्व को रेखांकित करने के लिए, इसकी उपयोगिता और हमेशा प्रासंगिकता बढ़ रही है।
- अनुवाद के विभिन्न आयामों, विषयों पर व्यावहारिक ज्ञान प्रदान करना
- इसके सैद्धांतिक ज्ञान के साथ। हिंदी के मूल और अनूदित रूप में प्रचार-प्रसार में तेजी लाने के लिए भारत के गैर-हिंदी क्षेत्र।